
🕉️ सावन में क्यों करते हैं भगवान शिव की पूजा? 🌿🙏
भगवान शिव सनातन धर्म के प्रमुख देवों में से एक हैं। उन्हें भोलेनाथ, महादेव, नीलकंठ जैसे नामों से जाना जाता है। परंतु सावन मास में शिवभक्तों का उत्साह विशेष होता है। पूरा वातावरण "हर हर महादेव" के जयघोष से गूंज उठता है।
📜 सावन माह का पौराणिक महत्व 🐍
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन (श्रावण मास) भगवान शिव का प्रिय महीना है। समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष निकला, तो पूरी सृष्टि संकट में पड़ गई। तब भगवान शिव ने सारा विष पी लिया और नीलकंठ कहलाए।

🌸 सावन में शिव पूजा के धार्मिक कारण
- 🔱 भगवान शिव की कृपा जल्दी मिलती है – इस महीने पूजा से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।
- 🌿 रुद्राभिषेक का महत्व – गंगाजल, दूध, बेलपत्र से अभिषेक अत्यंत पुण्यदायक होता है।
- 🌕 सोमवार का महत्व – सावन के सोमवार विशेष शुभ माने जाते हैं, भक्त व्रत रखते हैं।
📖 पौराणिक कथा: पार्वती जी का तप
कथा अनुसार, माता पार्वती ने सावन में कठोर तप किया था शिवजी को पति रूप में पाने के लिए। प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें अर्धांगिनी बनाया। इसी कारण महिलाएं सावन में शिव पूजा करती हैं और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।

🔔 सावन में क्या करें और क्या न करें?
✅ करें:- रोज़ स्नान कर शिवलिंग पूजन
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र जाप
- बेलपत्र, आक, गंगाजल चढ़ाना
- तुलसी पत्र अर्पित न करें
- काले कपड़े से परहेज
- मांस-मदिरा और क्रोध से दूर रहें
📿 शिव मंत्र और उनका लाभ
🔉 ॐ नमः शिवाय – यह पंचाक्षरी मंत्र जीवन में शांति, शक्ति और मोक्ष देता है।
🔉 महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
🙏 सावन का आध्यात्मिक फल
सावन शिवभक्ति, संयम, और आत्मशुद्धि का महीना है। इस समय भोलेनाथ की आराधना से जीवन के सारे दुख दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🚩 हर हर महादेव! 🕉️
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