🔱 गुरुवार व्रत कथा और पूजन विधि 🔱
गुरुवार का दिन बृहस्पति देव को समर्पित है, जो नवग्रहों में सबसे शुभ ग्रह माने जाते हैं। इन्हें गुरु ग्रह भी कहा जाता है और यह ज्ञान, धर्म, सुख और विवाह के कारक हैं। बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करने के लिए गुरुवार का व्रत अत्यंत फलदायक माना गया है।
📿 बृहस्पति देव कौन हैं?
बृहस्पति देव देवताओं के गुरु हैं। वे न्यायप्रिय, ज्ञानी और सदाचार के प्रतीक हैं। ज्योतिषशास्त्र में इन्हें शुभ ग्रह कहा गया है और जिनकी कुंडली में गुरु अनुकूल होते हैं, उन्हें समाज में मान-सम्मान, वैवाहिक सुख, संतान सुख और धार्मिक उन्नति मिलती है।
🌼 गुरुवार व्रत का महत्व
गुरुवार व्रत का पालन करने से भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस व्रत से संतान, विवाह, नौकरी, धन आदि से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं।
🕉️ व्रत रखने की विधि
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- भगवान बृहस्पति देव की तस्वीर या पीले वस्त्र में श्री हरि विष्णु की मूर्ति रखें।
- पीले पुष्प, पीली मिठाई, चने की दाल, और केले का भोग लगाएं।
- गाय के घी का दीपक जलाएं और मंत्र जप करें।
- दिनभर व्रत रखें, बिना नमक वाला सादा भोजन लें।
- शाम को कथा सुनें और आरती करें।
📖 गुरुवार व्रत कथा (पूरा विवरण)
बहुत पुराने समय की बात है, एक नगर में एक धर्मपरायण ब्राह्मण परिवार रहता था। वे अत्यंत गरीब थे। एक दिन बृहस्पति देव साधु का वेश धारण कर उनके घर पहुंचे। उन्होंने देखा कि घर में अन्न का अभाव है, परंतु ब्राह्मण पत्नी ने उन्हें श्रद्धापूर्वक भोजन कराया।
बृहस्पति देव ने प्रसन्न होकर कहा, "तुम गुरुवार का व्रत रखो, भगवान विष्णु और मेरी पूजा करो, तुम्हारी सभी समस्याएं दूर होंगी।"
ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने श्रद्धापूर्वक व्रत शुरू किया। धीरे-धीरे उनके घर में लक्ष्मी का वास हुआ। एक दिन पड़ोस की स्त्री ने व्रत का रहस्य जानकर उसका उपहास किया और जानबूझकर व्रत तोड़ने को उकसाया।
परिणामस्वरूप उसके घर में दरिद्रता आ गई। बाद में पछताकर उसने भी व्रत करना शुरू किया और पुनः समृद्धि प्राप्त की।
इस कथा का सार यह है कि गुरुवार व्रत से भगवान बृहस्पति देव की कृपा से सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में सुख, शांति और धन-धान्य आता है।
🪔 क्या करें और क्या न करें?
- केले के पेड़ की पूजा करें।
- पीले वस्त्र, पीला भोजन, पीले पुष्प का प्रयोग करें।
- इस दिन नाखून, बाल या दाढ़ी न काटें।
- कपड़े न धोएं, घर में झाड़ू-पोंछा ना लगाएं।
- गुरुवार को गरीबों को पीली वस्तुएं दान दें।
🔊 बृहस्पति देव का मंत्र
🙏 लाभ और फल
जो व्यक्ति श्रद्धा से गुरुवार व्रत करता है, उसके जीवन में बृहस्पति दोष समाप्त होता है। कुंडली में गुरु अनुकूल होता है। विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं, नौकरी में तरक्की मिलती है और पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है।
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